सीरवी समाज का संक्षिप्त परिचय - सीरवी मंगल सैणचा
"सीरवी" एक क्षत्रिय कृषक जाति हैं. जो आज से लगभग 800 वर्ष पुर्व राजपूतों से अलग होकर राजस्थान के मारवाड़ व गौडवाड़ क्षेत्र में रह रही थी. कालान्तर के बाद यह लोग मेवाड़, मालवा, निम्हाड़ व देश के अन्य क्षेत्र में फेल गयें. वर्तमान में सीरवी समाज के लोग राजस्थान के अलवा मध्यप्रदेश , गुजरात , महाराष्ट्र , गोवा , कर्नाटक , आध्रप्रदेश , तमिलनाडु , केरल , दिल्ली , हिमाचल प्रदेश , दमन दीव , पांण्डिचेरी व देश के अन्य क्षैत्र में बड़ी संख्या में रह रहे हैं.
सीरवी समाज के इतिहास का बहुत कम प्रमाण उपलब्ध हैं. इतिहास के जानकार स्व. मास्टर श्री शिवसिंहजी चोयल भावी ( जिला जोधपुर ) वालों ने अपने सीमित सोधनों में जो कुछ भी तथ्य जुटाये उनके आधार पर खारड़िया राजपूतों का शासन जालोर पर था व राजा कान्हड़देव चौहान वंशीय थे उन्ही के वंश 24 गौत्रीय खारड़िया सीरवी कहलाये. सीरवियों के गौत्र इस प्रकार हैं. 1. राठौड़ 2. सोलंकी 3. गहलोत 4. पंवार 5. काग 6. बर्फा 7. देवड़ा 8. चोयल 9. भायल 10. सैणचा 11. आगलेचा 12. पड़ियार 13. हाम्बड़ 14. सिन्दड़ा 15. चौहान 16. खण्डाला 17. सातपुरा 18. मोगरेचा 19. पड़ियारिया 20. लचेटा 21. भूंभाड़िया 22. चावड़िया 23. मुलेवा 24. सेपटा.
अधिकतर सीरवी आईमाता के अनुवयी हैं. श्री आईमाता का मंदिर राजस्थान के बिलाड़ा कस्बा में हैं.
ःःः श्री आईमाता ःःः
आई माता नवदुर्गा (देवी) का अवतार हैं. ऐसा कहा जाता है कि ये मुल्तान और सिंध की ओर से, आबू और गौड़वाड़ प्रदेश होती हुई बिलाड़ा आई. एक नीम के वृक्ष के नीचे इन्होंने अपना पंथ चलाया. आईमाता का पूजा स्थल (थान) बडेर कहलाता है, जहां कोई मूर्ति नहीं होती. आई माता के अधिकतर भक्त सीरवी जाति के हैं, जो क्षत्रियों से निकली एक कृषक जाति है. इस रूप में ये सीरवी जाति के राजपूतों की कुलदेवी है. आईमाता का प्रसिद्ध मंदिर बिलाड़ा में है, जहां दीपक की ज्योति से केसर टपकती है. सीरवी लोग आईमाता के मंदिर को दरगाह कहते हैं. यहां हर माह की शुक्ल द्वितीया को इनकी पूजा-अर्चना होती है. - ( राजस्थान पत्रिका इयर बुक 2007 ,पृष्ट संख्या 865 )के सभार से )
आप भी सीरवी जाति व समाज की जानकारी भेज सकते हैं. हमारा ई-मैल आईडी हैं. msbjd@indiatimes.com
8 टिप्पणियां:
mangal ji,
pratahkal ka naam gaayab hai. Aisa kyo?
NICE BLOG KEEP IT UP
Dear MangalJI
Thanks for your efforts to forward me the kind of information. I have just gone through your profile and find it quite interesting from your passion and attitude point of view.
I remember, once you had earlier written to me through mail. I also heard about your passion of reporting and representing our society on various platforms. I must appreciate your attitude as quite a few people can take the burden to think of social development and progress, while others, even if have feelings of socialhood, they hardly can sacrifice their time for such activities. Though, since last couple of decades our society is doing well in terms of economics, we rarely find our representatives doing well in other essential and emerging disciplines that determine the overall developmental progress of a society.I therefore must congratulate your efforts to represent our society in print media.
Best wishes
K. R. Senacha
श्रीमान् मंगलजी,
सादर अभिवादन।
बहुत ही छोटी सी मुलाकात और वो भी फोन के माध्यम से पर आपका मिलनसार व्यवहार मुझे बरबस आपकी ओर खींच लेता है।
सीरवी अकादमी मेरा सपना ही नहीं मेरा उद्देश्य भी है। अब तक की पढ़ाई के बावजूद भी कोई स्थाई रोजगार का मुकाम हासिल नहीं होने के कारण और शिक्षा से जुड़े रहने से अब विद्यालय स्थापना का ही विकल्प रह गया है। विद्यालय तो बहुत है, लेकिन आवासीय विद्यालय जो लाभ को ध्येय न बनाकर शिक्षण का सर्वोत्तम स्वरुप ग्रामीण क्षेत्र में सीरवी बालकों को प्राथमिकता देते हुए साकार करें।
धन कमाना कोई मुश्किल कार्य नहीं है। चाहिए लगन, ईमानदारी, और मेहनत। और साधन पवित्र हो तो धन के नकारात्मक प्रभाव विनाशक नहीं होते। साधनों की पवित्रता बेहद आवश्यक है। विद्यालय निर्विवाद रुप से सवोंत्तम आजिविका संचालन का साधन है।
दुकानदारी या कोई भी कमिशन के आधार पर रोजगार का सृजन कर जीवन संचालित किया जा सकता है। लेकिन अगर शिक्षा सम्बन्धी कार्य शिक्षा से जुड़े लोग नहीं करेंगे तो कौन करेगा। हमारा दायित्व है कि हम अपना अनुभव और ज्ञान समाज के लिए अर्पित करे।
श्री आईजी विद्यापीठ जवाली के लिए कार्य करना मुझे अच्छा लगता है। मै उसमें अपना योग दूगां। सीरवी अकादमी वेब साईट को समाज सापेक्ष कायों में लगाए रख कर समय की धारा के अनुरुप राजनीति और द्वेष से रहित जानकारी प्रकाशित करने का मेरा प्रयास रहेगा।
मैं जती भगा बाबाजी के विद्यालय में भी रहा, छात्रावास में काम के प्रर्याप्त अवसर थे। परन्तु विद्यालय नया था, स्तरीय अध्यापक नहीं थे। बालकों का परीक्षा परिणाम अपेक्षित नहीं प्राप्त हो पा रहा था। वहां मैंने सीखा कि सर्वोत्तम विद्यालय बनाना हो तो सतही प्रयास सफल नहीं हो सकते। केवल अध्यापकों की नियुक्ति कर लेने मात्र से विद्यालय की सारी जरुरते पूरी नहीं हो सकती। संचालक का अनुभवी, और शिक्षाविद् होना ही चाहिए। विद्यालय में देना ही देना होता है, लेना कुछ भी नहीं। हमें मिलेगा बालको का अपनापन, अभिभावकों की सन्तुष्टि और समाज का सहारा। यही तो सबसे बड़ा धन है। इसके अलावा और क्या चाहिए।
आपने बताया था कि आपके पास सीरवी समाज से सम्बन्धित जानकारी का संकलन है। उसे पुस्तक के रुप में लिखना चाहते है। यह अच्छी बात है। उसमें मेरी जरुरत आपको लगे तो मुझे काम का अवश्य अवसर देवे।
सीरवी लालाराम काग, नारलाई
lalaramkag@yahoo.com
मो.09460324295
रजि. क्रं. 03/27/03/10704/08
इंदौर सिर्वी समाज, ( म.प्र.)
52 सिद्धार्थ नगर भँवरकुआ, इंदौर फोन - 0731-2362805
संस्था - इंदौर सिर्वी समाज म. प्र.
संस्था के पदाधिकारियों का विवरण एवं उनके द्वारा चलाये जा रहें कार्यो का वर्णन
अध्यक्ष - बाबुलाल मुकाती
उपाध्यक्ष - अजय परमार, माँगीलाल भायल
सचिव - संजय चोयल
कोषाध्यक्ष - उत्तम बर्फा
महामंत्री - जगदीश काग, डॉ. मोहनलाल बर्फा
सह सचिव - भगवान काग, लक्ष्मण बर्फा, ओ. एल. बर्फा, भगवान लछेटा
कार्य कारणी सदस्य - नारायण काग, लक्ष्मण बर्फा, अजय राठौर, रमेश राठौर,
माधव सोलंकी, विकास चैहान, राजेश काग, चंद्रप्रकाश परमार, कैलाश पडियार
संस्था द्वारा चलाये जा रहे कार्यो में समाज के प्रत्येक परिवार को मासिक अंशदान हेतु (स्वेच्छा अनुसार) सदस्य बनाए गए है। जिसमें लगभग 250परिवार पंजीकृत हो चुके है तथा इंदौर में रह रहे समाज बंधुओं की पारिवारिक जानकारी हेतु एक वार्षिक पत्रिका बनाई जा रही है तथा म. प्र. स्तर पर अविवाहित युवक-युवतियों की बुकलेट बनाने पर कार्य चल रहा है। जिससे पूरे म. प्र. के अविवाहित युवक-युवतियों का आंकलन हो जाएगा। जिससे सिर्वी समाज मे अविवाहितों के अभिभावको को संम्पूर्ण जानकरी बुकलेट से प्राप्त हो जाएगी। जो कि एक गंभीर समस्या है। इसका निर्वारण हो जाएगा। यह पहल सर्व प्रथम इंदौर सिर्वी समाज द्वारा की जा रही है।
सचिव
(संजय चोयल)
इंदौर सिर्वी समाज, ( म.प्र.)
आदरणीय मंगलजी,
सादर अभिवादन।
आपको भेजे पिछले मेल में मैनें अपने कुछ विचार तथा अपनी सोच के बारे में लिखा था। आज आपको इस वर्ष की योजना जो मैने अपने एक साथी अध्यापक श्री अर्जुन सिंह के साथ मिलकर बनाई है जिसमें जालौर-सिरोही सीमा पर पशुपालक समाज की गत सरकार द्वारा बनाई गई आवासीय स्कूल के पास ही एक CBSE NORMS SCHOOL [ENGLISH MEDIUM] प्रारम्भ करने का मानस बनाया है।
इस प्रस्तावित स्कूल में चार भागीदार होंगे। जिसमें पहला जमीन का मालिक है जिसकी लाभ में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी और जमीन का तय किराया दिया जायेगा। दूसरा एक क्षेत्र का स्थानीय निवासी है जो उस क्षेत्र में मदद करेगा। उसकी संस्था के लाभ में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी। तीसरे स्वयं अर्जुनसिंह होंगे जीनको कार्य (स्कूल प्रबन्धन) के लिए वेतन और लाभ में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी देय होगी। और अन्तिम मैं भी हिस्सेदार के रुप में 30 प्रतिशत का भागीदार एवं कार्य (स्कूल संचालन) का वेतन लूंगा।
क्षेत्र के सर्वें एवं संस्था के पंजिकरण का कार्य प्रारम्भ करवाया जा रहा है।
आर्थिक मदद के लिए बैंक ऋण और दानदाताओं से मदद का प्रयास किया जा रहा है।
उक्त प्रस्ताव पर अपने विचार भेजकर मेरा मार्गदर्शन करावें।
वैसे मेरा उद्देश्य तो स्वयं का ही विद्यालय खोलने का है। परन्तु जब तक मैं आर्थिक स्थिति से आत्म निर्भर न हो पाऊ तब तक कहीं न कहीं आय के स्रोत के लिए प्रयास कर रहा हूँ।
दिनांक 24.06.09 को भीलवाड़ा प्रोजेक्ट रिर्पोट एवं प्रायोगिक परीक्षा देने जा रहा हूँ। मेरी भीलवाड़ा आपके द्वारा दिये गये नम्बर पर बात हुई थी। उनसे समय मिल गया है। 24.06.09 को सम्पर्क करुंगा।
सीरवी अकादमी में सुधार करके दिनांक 24.06.09 को उदयपुर नये एड़िशन को अपलोड़ करने जाउंगा। सीरवी अकादमी के मुख पृष्ठ पर सीरवी समाज वेब साईट के लिए लिंक दे दिया है।
प्रस्तावित सीरवी अकादमी प्रोजेक्ट का प्रारुप भेज रहा हूँ। आप उसे अवलोकित कर उपयोगी सुझाव दिरावे।
साथ में सीरवी अकादमी वेब साईट का यूजर नाम व पास वर्ड़ भी भेज रहा हूँ। आप साईट में सुधार नये एड़िशन के अपलोड़ के बाद करावे।
आपका
लाला राम चैधरी
आदरणीय मंगलजी,
सादर अभिवादन।
एक काम से पाली गया था। कानारामजी परिहार मिले थे। उनसे बातें करके अच्छा लगा। सीरवी संदेश पत्रिका के सम्पादकजी को शीघ्र ही पत्र लिखूंगा और उनसे निवेदन करुंगा कि वे सीरवी संदेश की परिचयात्मक जानकारी को मेरी वेब साईट पर एक पन्ने के रुप में दर्शाना चाहते हो तो मुझे अवसर दिरावे।
सीरवी किसान छात्रावास भी गया था। वहां के वार्ड़न श्री रमेश मुलेवा से मिला उन्होंने भी सीरवी छात्रावास की जानकारी उपलब्ध करवाई है। जिसे शीघ्र ही साईट पर जारी करने के कार्य में लगा हूँ।
दिनांक 16 अगस्त 2009 को श्री आईजी विद्यापीठ जवाली में 2009 के प्रतिभा सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजन की रुपरेखा के बारे में विचार कर आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही सत्र 2010-11 से कक्षा ‘ाश्टम् से आठवीं तक की कक्षाएं प्रारम्भ करने के बारें में निर्णय लिया गया।
सारवी अकादमी आवासीय विद्यालय को नारलाई में मेरे बेरे पर ही स्थापित करने के बारें योजना बना रहा हूँ। वहाँ जमीन एवं पानी की सुविधा सहज उपलब्ध है।
सत्र 2009-10 के लिए श्री पाश्र्वनाथ जैन विद्यालय वरकाणा संस्था ने मेरा वेतन 4500 रुपये से बढ़ा कर 7000 रुपये किया है। यहाँ भविश्य निधि राशि जमा करवाने का प्रावधान भान भी है।
आपकी माताजी के स्वास्थ्य लाभ की मंगल कामना के साथ।
आपका
लालाराम चैधरी
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